कुरआन का वास्तविक ज्ञान
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कुरआन का वास्तविक ज्ञान
कादर अल्लाह यथार्थ ज्ञान बताता है। शैतान (जिसे महापुरूषों ने ‘‘काल’’ कहा है) गुप्त रहता है। गुप्त रूप से अज्ञान व ज्ञान का मिश्रण मानव को देता है जो अधूरा अध्यात्म ज्ञान है। समर्थ परमेश्वर संत व सतगुरू के रूप में प्रत्यक्ष प्रकट होकर यथार्थ संपूर्ण अध्यात्म ज्ञान अपने मुख से बोलकर बताता है। परंतु सर्व मानव ने एक बात की रट लगा रखी है कि प्रभु निराकार है जबकि सर्व धर्मों के पवित्र ग्रन्थों में प्रमाण है कि खुदा मानव जैसा साकार है। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
हजरत मुहम्मद जी मांस नहीं खाते थे।
गरीब, नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया।
एक लाख अस्सी कूं सौगंध, जिन नहीं करद चलाया।।
संत गरीबदास जी ने कहा है कि नबी मुहम्मद जी को मेरा नमस्कार (सलाम) है। वे (राम) अल्लाह के (रसूल) संदेशवाहक कहलाए। बाबा आदम से लेकर अंतिम नबी
हजरत मुहम्मद जी तक एक लाख अस्सी हजार नबी हुए हैं तथा जो उनके अनुयाई उस समय थे, कसम है उन्होंने छुरी चलाकर जीव हिंसा नहीं की। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
बाईबल तथा कुरआन का ज्ञानदाता एक है। जिस अल्लाह ने ”कुरआन‘‘ का पवित्र ज्ञान हजरत मुहम्मद पर उतारा। उसी ने पाक ”जबूर‘‘ का ज्ञान हजरत दाऊद पर, पाक ”तौरेत‘‘ का ज्ञान हजरत मूसा पर तथा पाक ”इंजिल‘‘ का ज्ञान हजरत ईसा पर उतारा था। इन सबका अल्लाह एक ही है।
प्रमाण :— कुरआन मजीद की सुरा अल् मुअमिनून नं. 23 आयत नं. 49
और मूसा को हमने किताब प्रदान की ताकि लोग उससे मार्गदर्शन प्राप्त करें।
पवित्र कुरान में नशा तथा जूआ निषेध है।
सूरः अल् बकरा—2 आयत नं. 219 :—
शराब तथा जूए में बड़ी खराबी है, महापाप है।
पवित्र कुरान में अच्छी शिक्षा।
”ब्याज लेना पाप है‘‘ कुरआन मजीद सूरः अल् बकरा—2 आयत नं. 276 :— अल्लाह ब्याज लेने वाले का मठ मार देता है यानि नाश कर देता है और (खैरात) दान करने वाले को बढ़ाता है। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
कुरआन ज्ञान दाता अपने से अन्य कादर अल्लाह की महिमा बताता है। सूरः अस् सज्दा—32 आयत नं. 4 :— वह अल्लाह ही है जिसने आसमानों और जमीन को और उन सारी चीजों को जो इनके बीच है, छः दिन में पैदा किया और उसके बाद सिंहासन पर विराजमान हुआ। उसके सिवा न तुम्हारा कोई अपना है, न सहायक है और न कोई उसके आगे सिफारिश करने वाला है। फिर क्या तुम होश में न आओगे।
पुस्तक ”फजाईले आमाल‘‘ से जानकारी कुरआन ज्ञान देने वाले से अन्य समर्थ अल्लाह के विषय में अन्य जानकारीः—
फजाईले आमाल मुसलमानों की एक विश्वसनीय पवित्र पुस्तक है जो हदीसों में से चुनी हुई हदीसों का प्रमाण लेकर बनाई गई है। फजाईले आमाल में एक अध्याय फजाईले जिक्र है। उसकी आयत नं. 1, 2, 3, 6 तथा 7 में कबीर अल्लाह की महिमा है। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
सूक्ष्मवेद में कहा है कि :—
वही मोहम्मद वही महादेव, वही आदम वही ब्रह्मा।
दास गरीब दूसरा कोई नहीं, देख आपने घरमा॥
मुसलमान धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद जी भगवान शिव के लोक से आए, पुण्यकर्मी आत्मा थे जो परंपरागत साधना ही एक गुफा में बैठकर किया करते थे। शिव जी का एक गण जो ग्यारह रूद्रों में से एक है, वह मुहम्मद जी से उस गुफा में मिले। उन्हीं की भाषा (अरबी भाषा) में काल प्रभु अर्थात् ब्रह्म का संदेश सुनाया। उसी रूद्र को मुसलमान जबरिल फरिश्ता कहते हैं जो नेक फरिश्ता माना जाता है। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
”मक्का महादेव का मंदिर है”
सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
कुरआन मजीद का ज्ञान नाजिल करने वाले खुदा ने अपने नबी-ए-करीम मुहम्मद (सल्लम) को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले अल्लाह के विषय में सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी है। प्रमाण :— सूरः फुरकानि—25 आयत नं. 59 में लिखा है कि (हे मुहम्मद) अल्लाह ने सारी कायनात को छः दिन में उत्पन्न किया। फिर आसमान में तख्त (सिंहासन) पर जा बैठा। उसकी (खबर) सम्पूर्ण जानकारी किसी (बाखबर) जानकार यानि तत्त्वदर्शी संत से पूछो।(जानो) महाराज पृथु की कथा
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
सूरः अश शूरा.42 आयत नं. 1.2 में (कोड वर्ड) सांकेतिक शब्द हैं। उनका ज्ञान किसी मुसलमान को नहीं है जो अहम हैं। आयत नं. 1. :— ”हा. मीम्, अैन. सीन. काफ.
” ये अक्षर लिखे हैं जो जाप करने का नाम है। नाम जाप के बिना जीव का कल्याण नहीं हो सकता।
अल्लाह का आदेश मांस खाने का नहीं है, कुरआन मजीद में माँस खाने की आज्ञा है, परंतु सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले कादर अल्लाह ने बाईबल ग्रंथ में उत्पत्ति विषय के अध्याय में मनुष्यों के खाने के लिए बीज महाराज पृथु की कथा
वाले छोटे—छोटे पेड़ (पौधे) तथा फलदार वृक्षों के फल बताए हैं। मांस खाने के लिए नहीं।
पवित्र कुरान शरीफ
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
पवित्र कुरआन मजीद का अमृत ज्ञान पाक आत्मा हजरत मुहम्मद जी को मिला। हजरत मुहम्मद जी थे तो कुरआन का ज्ञान हमारे बीच में है। इसलिए नबी मुहम्मद जी का अनुभव कुरआन मजीद से कम महत्व नहीं रखता। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण
सूरः अल बकरा-2 की आयत नं. 243:-
तुमने उन लोगों के हाल पर भी कुछ विचार किया जो मौत के डर से अपने घर-बार छोड़कर निकले थे और हजारों की तादाद में थे। अल्लाह ने उनसे कहा मर जाओ। फिर उसने उनको दोबारा जीवन प्रदान किया। हकीकत यह है कि अल्लाह इंसान पर बड़ी दया
करने वाला है। मगर अधिकतर लोग शुक्र नहीं करते।
पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण
सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:-
अल्लाह पहली बार सृष्टि (खिलकित) को उत्पन्न करता है। फिर उसे दोहराएगा। (पुनरावृत्ति करेगा। कुरआन का वास्तविक ज्ञान
भगवान की परिभाषा क्या है । कौन तथा कैसा है परमेश्वर ?
Who Is Al Khidr In Islam Must Read This
Do Not Eat Meat In Quran Must Read In English With All Avidence