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गिगन में जाय खड़ी भजन lyrics

गिगन में जाय खड़ी भजन lyrics

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प्रश्न वाणी

गिगन में जाय खड़ी वटे पुगण वाला नाय।।टेर।।

(1) पहले हम जन्मया पीछे बड़ा भाई।
बेटी जायो बाप ने साख कूनो रे भराई।।

(2) पहली दूध धरण को दिना पीछे दुई गाय।
बछड़ा मां का पेट में माखन हाट बिकाय।।

(3) अंडा था जब बोलता बछिया बोले नाय।
खट दर्शन संशय पड़िया पंडितो ने गम नाहीं।।

(4) कीड़ी चाली सासरे नौ मन चूरमो सार।
हस्ती लीना गोद में ऊंट लिया लटकाय।।

(5) सरफ धात रा पारा वणिया और सभी है कथिर।
सब पीरन का पीर है रे पहुंचे सोई कबीर।।

उतर वाणी

जिगन में जाए खड़ी पुगे चतुर सुजान।।टेर।।

(1) पहले मन तत्व भया पीछे निज मन भाई।
सुरती जायो शब्द ने याब गुराने भराई ।।

(2) धीरप की धरणी करो गम की करलो गाय ।
मन बछड़ा वाका पेट मे शबद हाट बिकाई।।

(3) जब लग हाण्डी उछले तब लग छीजी नाई।
छीजी जब ही जानिये रे नाचे कूदे नाई।।

(4) करणी कि किडि करो निरगुण सुरमो सार।
मन हस्ति ने बस करो उंठ काल ललकार।।

(5) कहे कबीर सुनो भाई साधो ओ पद है निर्वान।
जो गहे हो बहुरी नहीं आवे पाय नाम निशान।।

इस प्रश्न उतर वाणी को यूट्यूब पर सुनने के लिए कृपया यहाँ निचे क्लिक करें।

[ प्रश्न वाणी ]

[ उतर वाणी ]

 

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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