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मोक्ष का पंथ है न्यारा भजन lyrics

मोक्ष का पंथ है न्यारा भजन lyrics

( श्री ब्रह्मानंदजी की वाणी )

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मोक्ष का पंथ है न्यारा।
समझकर देखले प्यारे मोक्ष का पंथ है न्यारा॥टेर॥

(1) यज्ञ-तप-दान करने से स्वर्ग के धाम को पावे।
भोगकर-भोग देवन के जमी पर होय अवतारा॥ 

मोक्ष का पंथ है न्यारा भजन lyrics

(2) कर्म के ड़ोर से बांधा कभी नीचे कभी ऊपर।
भटकता जीव जूनों में, फिरें नहीं होय निस्तारा॥

(3) करे पूजा फिरे तिरथ, अग्नि में होम नित कीजे।
व्रत उपवास बहुतेरे कर, नहीं हो ज्ञान उजियारा॥ 

मोक्ष का पंथ है न्यारा भजन lyrics

(4) बैठकर सन्त संगत में बिचारे रूप ईश्वर का।
वो ब्रह्मानन्द को पावे, मिटे भवजाल संसारा॥

 

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्ष का पंथ है न्यारा भजन lyrics (20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया

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