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रामदेवजी की गुरु महिमा

रामदेवजी की गुरु महिमा

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टेर – सुणल्यो गुरु प्रमाण गुरुगम ज्ञान निहारी ।
गुरु कृपा गोविन्द गति जाणी आया भरोसा भारी ॥

ज्ञानी गुरु जी भव दुःख मेटे, अज्ञानी उलझावे ।
मंगता हो चेला ने मांगे, भूल्या औरां ने भुलावे ॥ १ ॥
गुरु बिन ज्ञान ध्यान नहीं पावे, शांसो कोण मिटावे ।
शरणे आयां री शंका मेटे, निर्भय मुक्ति पावे ॥ २ ॥

कई गुरु ऐसा आरम रच कर, ढोंग पाखण्ड चलावे ।

पहरे भेष भरम का भाँडा, यूं कांई मुक्ति पावे ॥ ३ ॥

रामदेवजी की गुरु महिमा 

भेदी जके भरमे नहीं कबहूं, पाखण्ड नहि बणावे ।
वेद शास्त्र परचे किया, बहुरि न पाछो आवे ॥ ४

आपो नहिं खोजे, औरां ने प्रमोदे भूल्यां ने भरमावे ।
जल डूबे जल की गहे धारा, दूणो पींदे जावे ॥

पाखण्डी ने गुरु नहिं कीजे, नहचे नाव डुबोवे ।
जैसे स्वांग बहरुप्या बाजे, यूं भूल्या भेष बणावे ॥३

समरथ गुरु शांसों सब मेटे, निजमन हो कोई ध्यावे ।
लट भंवरा ज्यूं गति हो जावे, होय भृङ्ग उड जावे ॥

घर-घर में चेला वे मूँडे, स्वारथ लोभ लगावे ।
आशा लगी आशरो आशरो बांधे, धोखे भेट धरावे ॥

रामदेवजी की गुरु महिमा

गुरु गोविन्द एक कर जाणो, अवतारी भी ध्यावे ।
गुरां की महिमा कहाँ तक वरणु, वेद वाणी सब गावे ॥
बालीनाथ गुरु सेन बताई, निजिया धर्म रे मांई ।
अजमल सुत “रामदेव” भाषे, बड़ा बीरमदे भाई ॥

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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