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मीर मीठा के सवैये

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मीर मीठा के सवैये

यादों के झरोखे से

अलख तणी कर आस , समर हरि नाम सदाई !
अलख तणी कर आस , भली विध रखो भलाई !!
अलख तणी कर आस , मन्न साची कर मांनो !
अलख तणी कर आस , प्रीत की रीत पिछानो !!
कर जौड़ मीर मीठो कहै , विध मन बात विचारिये ।
भव भय भंजण भगवान को , अविरल नाम उचारिये !!1!! 

मीर मीठा के सवैये

चित्त में रखे चाह , आप चंगी नह अपने !
चित्त में रखे चाह , समरे नांह हरि सपने !!
चित्त में रखे चाह , भटके ईत ऊत भाळै !
चित्त में रखे चाह , विषय रस भोग विचाळै !!
कर जोड़ मीर मीठो कहै , गैला नह उम्र गुमावै !
हेत करै नीत समरो हरि , परम मानव तन पावै !!2!!

छिन छिन होत सदाय , ओछी यों वय उमर की ।
इत उत नित अथड़ाय , देख चल दोष डगर की !!
फसयो जग के फन्द , लोभ हित मन लपटांणो ।।
पाय न परमानन्द , भमतो पंथ भटकांणो !!
विध कर मन बात विचारिके ,समझ परख गुण सार को !
मनुष तन पायके मीठिया , करो भजन किरतार को !!3!!

मीर मीठा के सवैये

जुगनांमी जदुराय , महा रिपु कंस हि मारण !
जुगनांमी जदुराय , तुरत हरि भगतां तारण !!
जुगनांमी जदुराय , अखिलेश्वर अविनाशी !
जुगनांमी जदुराय , परम सत गुण परकासी !!
धनुष गदा पदम शंख धारण , राधैपत रखवाळ हैं !
कर जौड़ साच मीठो कहै , श्याम हि लहण संभाळ हैं !!4!!

ऊंमा सुत अरदास , करूंह विनय कर जोरी !
ऊंमा सुत अरदास , मानल्यो अरजी मोरी !!
ऊंमा सुत अरदास , सबै मम काज सुधारो !
ऊंमा सुत अरदास , सुणैं झट दीध सहारो !!
कारज मंगळ पूरण करण , हरण हि विघन हमेश हैं !
सुध बुध दियण मीठा मीर सदा , गुणानिधान गणेश हैं !!5!!

मीर मीठा के सवैये

महर करण अणमाप , सकल जग बीच सदाई !
महर करण अणमाप , विघन हरता वरदाई !!
महर करण अणमाप , सबै देवां सिर देवा !
महर करण अणमाप , सदाय करूं म्हें सेवा !!
शुभ कारज सारण ही सदा , आयहि नाथ उबारणा !
कर जौड़.अरज मीठो कहै , शिव सुत काज सुधारणा 6!!

मीर मीठा के सवैये

शरम रखो घनश्याम , पात इण काज पुकारै !
शरम रखो घनश्याम , सरव मम काज सुधारै !!
शरम रखो घनश्याम , हरि हुय सहाय हमारें !
शरम रखो घनश्याम , तो बिना कौनहि तारे !!
त्रीकम बांहें गर तारियो , माधव मीठा मीर को !
राधैपत लज्ज राख मों , प्रभू हरे सब पीर को !!7!!

ईश दया कर आप , पत राखो परमेश्वर !
ईश दया कर आप , सहायक हो सर्वेश्वर !!
ईश दया कर आप , तारण हि जगत तमामी !
ईश दया कर आप , करण सदाय शुभ कामी !!
तन ताप हरे झट तारवा , आप अवधपत आय हैं !
दशरथ सुत अरजी दाखवै , गुण मिठो मीर गाय हैं !!8!!

मीर मीठा के सवैये

त्रीकम झटके तार , मों तणी नैया माधव !
त्रीकम झटके तार , राख पत अबतो ऱाघव !!
त्रीकम झटके तार , कर दया अब किरपाळा !
त्रीकम झटके तार , दीन को नाथ दयाळा !!
शरणें परयां की शरम को , राखण युं नंद राय हैं !
उबारण काज भीरे अवस , आप बिना कुंण आय हैं !!9!!

जगत तणा सह जीव , भरोसे हैं तुझ भगवन !
जगत तणा सह जीव , पाळक होय कर पालन !!
जगत तणा सह जीव , अहर निश तोरै आगे !
जगत तणा सह जीव , मदद इक तुमसे मांगे !!
जळ थळ नभ तणेंह जीव का , हरि तूं पाळणहार हैं. !
कर जौड़ मीर मीठो करै , पोता तणी पुकार हैं !!10!!

मीर मीठा के सवैये

अरज सुणें झट आय , सहाय करो अब श्रीपत. !
अरज सुणें झट आय. , पात तणी राखो पत्त !!
अरज सुणें झट आय. , खीतिपत हुय खेवैया !
अरज सुणें झट आय , नाथ उबार मों नैया !!
अधबिच जळ नांव उबारवा , ईसर पड़सी आवणो !
हरि अब तोरै ही हाथ हैं , नातो अवस निभावणो !!11!!

मौला म्हें मांगूंह , आप कनें हरि ईतरो !
मौला म्हें मांगूंह , जग में रहे पत जितरो !!
मौला म्हें मांगूंह , नाथ दीजो घणनांमी !
मौला म्हें मांगूंह , समापो त्रिभुवन स्वामी !!
सेवकां लज्ज राखण सदा , खुदा खलक को खास हैं. !
धीर मीठा मीर धारिकें , अलख तणी रख आस हैं !!12!!
मीठा मीर डभाल

मीर मीठा के सवैये

bhaktigyans

My name is Sonu Patel i am from india i like write on spritual topic

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